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🌸 आज का सुविचार

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डियर एक्स

डियर एक्स"






साल के आखिर में तुम्हे कुछ कहना चाहता हूँ क्या तुम मुझे बोलने की इजाज़त दोगी?

तो सुनो साल के आखिर में यही सोच रहा हूँ की बीते साल में बहुत कुछ बीत चुका है..
हमारी मुलाकातें..छोटी छोटी बातें..अदरक वाली चाय..और एक बार मेंरे पास्ट पर  तुम्हारा मुझसे वो रूठना वो  चार दिन तक कन्टीन्यु मनाने के बाद मान जाना...
खुद ही फोन काटना और जो पहले कभी फोन डिस्कनेकट तक नहीं किया करती थी....पार्क की वो मुलाकात  याद आयी जब हमने डूबते सूरज से उगते चाँद तक का सफर तय किया था..जाते साल के आखिर में वो सब याद आया जो हमने साथ में बिताया....
बाइक पर साथ जाते  वक्त जब सर्द हवाओ से पाला पड़ता तब तुम्हारा वो टाइटली बाहो में पकड़ कर पुछना अब कैसा महसूस हो रहा है। मै मजाक में कहता इधर से तो आप हैं उधर से किसके साथ ....और आप मेरे प्यार से गाल खीचते हुए तुम्हारा मुस्कुराना....
उफफफफफफफ
जब रातों को हम बात करते करते भूल जाते कितना टाइम हो गया है तब तुम्हारा पुछना सुबह अॉफिस  नही आना है क्या याद तो होगा तुमको,
होगा कैसे नही हर छोटी छोटी बात तुम ही याद रखती थी और मैं भूल जाया करता था..
अब ये सब बीते साल की बातें हो गयी...तुम्हे याद है....वो माया पार्क जहाँ शाम को पहुचे बहुत सारी बाते की बाहर निकलते ही तुमने कहा था...
"आई लव यू" वो पल मुझे आज भी इसलिए याद है क्यूँकि टिकटों को मैने आज भी संभाल कर रखा है......

खैर अब ये सब बीते कल की बात हो गयी..क्योंकि " तुम भूल  चुकी हो"  ये बात मैं खुद को रोज़ याद दिलवाता हूँ"..जानता हूँ वो तकिया जिसे तुमने मेरा नाम दिया था...अब उसे तुमने किसी और का नाम दे दिया है...लेकिन मैंने अपने रिश्ते की अच्छी यादों को संभाल कर रख लिया है... इसीलिए मैं तुमसे कभी रुठ नही कर पाया और  न कभी रुठ पाउँगा.. हां मुझे अफ़सोस है कि मैं तुम्हारे साथ उस छोटी सी जिंदगी को नही जी पाया और न ही बोल पाता हूँ की "जच रही हो मेरी स्वीट हार्ट " क्योंकि मैं भी अब सख्त लौंडा बनने कोशिश कर रहा हूँ.....और अब अपनी सख्ती भी पूरी है....मैं खुश तो नहीं हूँ ,फिर भी खुश हूँ
क्योंकिन अब तुम्हे पाने की ज़िद है और न खोने का डर.. ये बातें हैं जो बेकार है लेकिन तुम्हे बतानी ज़रूरी है...

और हां  तुम्हारे चेहरे से रौनक क्यों गायब हो गयी....लगता है तुम्हारा नया/पुराना आशिक़ तुम्हारा ख्याल नही रखता..चलो इस कहानी को अधूरा छोड़ रहा हूँ ठीक हमारे इश्क़ की तरह अपना ख्याल रखना

(नोट-इसे काल्पनिक ही समझें..बाकी आपकी मर्ज़ी कहानी किसी से मिले तो संयोग समझ लेना)

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