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🌸 आज का सुविचार

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मुझे ले चल मेरे साथी, जहां वो चँदा रहता है

है ये धरती,तो वो है गगन,वहां इक चँदा रहता है  
मुझे ले चल मेरे साथी, जहां वो चँदा रहता है  

न जाना था कभी दिल में, मेरे ये ख़याल आएगा 
कि दिल मेरा हवाओं संग,कभी उड़ना भी चाहेगा 
मेरी ख़्वाहिश है ऐ हमदम,बता दे तू क्या कहता है 
मुझे ले चल मेरे साथी, जहाँ वो चँदा रहता है 

पलट कर हम न देखेंगे,क्यूँ हैं दुनिया में लाखों ग़म 
ठिठक कर ये न सोचेंगे, बढ़ाएं, या नहीं, ये क़दम 
नहीं होंगी यूँ आँखें नम, मेरा दिल मुझसे ये कहता है 
मुझे ले चल मेरे साथी, जहां वो चँदा रहता है 

सँवारो तुम मेरे सपने,कि दिल गाने लगा नग़में
अगर जज़्बात रूठेंगे, मना लेना जी फ़ुर्सत में  
नहीं बंजर ये दिल होगा, यहां इक झरना बहता है 
मुझे ले चल मेरे साथी, जहां वो चँदा रहता है 

है ये धरती, तो वो है गगन, वहां इक चँदा रहता है 
मुझे ले चल मेरे साथी, जहां वो चँदा रहता है 
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गगन- आकाश, आसमान 
ख्वाहिश- इच्छा-आकांक्षा 
ग़म- दुःख 
ठिठक कर- एकाएक  रुक कर,अकस्मात् थम कर 
नम- आद्रता लिए हुए, भीगापन 
जज़्बात- भावना 
बंजर- जिस धरती में फ़सल न उगती हो

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