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🌸 आज का सुविचार

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धोखेबाज़ प्रेमिका पर कुछ दोहे अर्थ सहित प्रस्तुत हैं:



1. झूठे वादे

"वादे किए हजार पर, निभा न एक भी पाय,
सपनों में जो थी मेरी, वही मिली पराय।"
→ उसने हजारों वादे किए, लेकिन एक भी पूरा नहीं किया। जो कभी अपने लगती थी, वह अब अजनबी बन गई।

2. प्रेम में छलावा

"प्रीत लगाई खेलकर, तोड़ा हर इक मान,
दिल को समझाएं कैसे, अब न करे गुमान।"
→ उसने प्यार को खेल समझकर तोड़ दिया, लेकिन दिल को कैसे समझाया जाए कि अब किसी पर भरोसा न करे?

3. धोखे की पहचान

"जिसे समझा था चांदनी, वो निकली बस धूल,
झूठी थी हर एक कसम, छलके नयन के फूल।"
→ जिसे मैंने चांदनी समझा, वह बस मृगतृष्णा निकली। उसकी हर कसम झूठी थी, और अब आंखों से आंसू झर रहे हैं।

4. बेवफा की सच्चाई

"बातें थीं मधुर प्रेम की, पर मन में था विष,
दिल तोड़कर वो चल दी, जैसे झूठा दृष्टि।"
→ उसकी बातें तो प्रेम से भरी थीं, लेकिन दिल में जहर था। वह मेरा दिल तोड़कर ऐसे चली गई जैसे कोई भ्रम था।

5. छोड़कर जाने का ग़म

"जिसके लिए दुनिया छोड़ी, वही छोड़ गया हाथ,
अब न कोई आस है, न कोई सौगात।"
→ मैंने उसके लिए सबकुछ छोड़ दिया, और वही मुझे छोड़कर चली गई। अब न कोई उम्मीद बची है, न कोई प्यार की निशानी।

6. प्रेम में मिला धोखा

"दिल लगाया जानकर, सोचा था अपना,
पर निकली वो राह की, एक धूर्त सपना।"
→ मैंने उसे दिल से चाहा, सोचा था वह मेरी अपनी होगी, लेकिन वह तो बस एक धोखा थी।

7. बेवफाई की सजा

"जिसे मान दिल का राज, वही हुआ ग़द्दार,
बिन कारण जो छोड़ दे, वह प्रेमी है बेकार।"
→ जिसे मैंने अपने दिल की रानी माना, वही गद्दार निकली। जो बिना वजह छोड़कर चला जाए, वह सच्चा प्रेमी नहीं होता।

8. प्यार का खेल

"दिल से जिसने खेला, वो प्रेम नहीं है,
बेवफा को पूजा जो, वो धन्य नहीं है।"
→ जिसने प्यार के नाम पर खेल खेला, वह प्रेमिका नहीं, धोखेबाज़ है। जो उसे पूजता रहा, वह भाग्यशाली नहीं, बल्कि मूर्ख था।

9. छोड़कर जाने का दर्द

"बिन मौसम की बारिश थी, आई और गई,
जिसे माना प्यार सच्चा, वो भी छल गई।"
→ वह बिना वजह आई और चली गई, जैसे बिन मौसम की बारिश। जिसे मैंने सच्चा प्यार समझा, उसने भी धोखा दिया।

10. दर्द भरी यादें

"कल तक थी जो पास, आज हुई पराई,
जिसने देखे सपने संग, क्यों राहें जुदाई?"
→ जो कल तक मेरे साथ थी, वह आज अजनबी बन गई। जिसने मेरे साथ सपने देखे, वही अलग रास्ते पर चल पड़ी।

11. प्रेम में विश्वासघात

"दिल के टुकड़े कर दिए, हंस कर चल दी दूर,
जो कहती थी साथ सदा, निकली सबसे क्रूर।"
→ उसने मेरा दिल तोड़ दिया और हंसते हुए चली गई। जो सदा साथ रहने की कसमें खाती थी, वही सबसे निर्दयी निकली।

12. झूठा प्यार

"शब्द थे मीठे बहुत, पर दिल में था जहर,
प्रेम किया था नाम पर, निकली बड़ी कहर।"
→ उसकी बातें बहुत मीठी थीं, लेकिन दिल में जहर भरा था। प्यार के नाम पर उसने मुझे सबसे बड़ा दर्द दिया।

13. प्यार में हारी बाज़ी

"सपने थे जो रंग भरे, सारे हुए विरान,
जिसे थी दुनिया से बढ़कर, वही बनी अंजान।"
→ जिन सपनों में रंग भरे थे, वे सब वीरान हो गए। जिसे मैंने अपनी दुनिया माना, वही अब मुझे पहचानने से इनकार कर रही है।

14. प्यार का दर्द

"दिल लगा कर हारता, यह कैसा व्यापार?
जिसे दिया सब कुछ अपना, वही करे तिरस्कार।"
→ यह कैसा प्यार है, जिसमें दिल लगाकर हार ही मिलती है? जिसे मैंने सब कुछ दिया, वही मुझे तिरस्कृत कर रही है।

15. बेवफा प्रेमिका की सच्चाई

"साथ दिया जब तक मिला, चाहत का संसार,
अब जो मिला कोई और, तोड़ दिया आधार।"
→ जब तक उसे मेरा साथ मिला, तब तक मैं उसका संसार था। लेकिन जब उसे कोई और मिला, तो उसने मुझे छोड़ दिया।


ये दोहे धोखेबाज़ प्रेमिका के छल, विश्वासघात और बेवफाई को दर्शाते हैं।



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