HomeकविताThe Rebel Pen The Rebel Pen The Rebel Pen✒ 2/18/2025 0 स्याही में बसी है बगावत की आग,हर शब्द कहे एक नई फ़रियाद। न जंजीरों की हद, न सीमाओं का डर, कलम उठी तो बदल देगा यह सफर।चुपचाप नहीं, यह लफ्ज़ गरजेंगे, सत्य की धार में शोलों से जलेंगे। हर पन्ना गवाही देगा उस जुनून की, जो इंकलाब लिखेगा इस सुकून की।यह कलम विद्रोह की आवाज़ बने, हर बेड़ियों को आज़ाद करे। इंसाफ़ की रोशनी बन जाए, और दुनिया को नया सबक सिखाए।— The Rebel Pen कविता Newer Older